नवरत्न के नव ग्रहों के नीले रंग को सजाता हुआ ये नीला नीला पत्थर नीलम के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी मेंइसे सफायर बोलते हैं. सप्तम्बर महीने में जन्में लोगों की राशि का यह रत्ना कई विवादों में घिरा रहता है। इस पोस्टमें आप पायेंगे नीलम की ऐतिहासिक खूबियाँ, इसे खरीदने की जानकारी, नीलम की सही पहचान, ज्योतिषी केमानने वाली बातें, नीलम के बेह्रूपियाँ और मानव निर्मित नीलम के बारे में।
नीलम की पहचान
कोरंदम परिवार के नीले रंग में पाये जाने वाले रत्ना को नीलम कहते हैं। संस्कृत में कुरुविन्दा के नाम से पहचानेजाने वाला ये पत्थर कई रंगों में आता है। लाल रंग में इसे मणि या रूबी कहेते हैं, पीले रंग में पुखराज या येल्लोसफायर, नारंगी में पाद्पराषा और अन्य रंगों में इसे उसी रंग के नाम से जानते हैं जैसे की पर्पल सफायर, पिंकसफायर इत्यादि।
इसाई संस्कृति में माना जाता है की मोसेस (Moses) को इश्वर की गस आज्ञाएँ नीलम की पटरी पर लिख कर दीगईं थीं। इसी कारण से नीलम को "पवित्र रत्न" (Divine Gemstone) का दर्जा मिल गया।
इसके नीले रंग के भी कई किस्से हैं। प्राचीन फ़ारसी (Ancient Persians) लोगों का विश्वास था की धरती एकबोहुत ही बड़ा नीलम के गोले पर स्थापित है जिसकी परछाई से ही आसमान का रंग नीला है।
नीले रंग के पत्थरों में सबसे ख़ास और महंगा नीलम ही माना जाता है। ये Mohs स्केल (मोह के स्केल) पर ९ की संख्या पर उभरता है। इसका मतलब है की नीलम काफ़ी सख्त होता है और आम तौर पर ये रोज मर्रा के गहनों में पहना जा सकता है।
नीलम की पहचान इसके रंग, इसकी कठोरता संख्या, और इसके अन्दर पाई जाने वाली खूबियों से होती है।
इसाई संस्कृति में माना जाता है की मोसेस (Moses) को इश्वर की गस आज्ञाएँ नीलम की पटरी पर लिख कर दीगईं थीं। इसी कारण से नीलम को "पवित्र रत्न" (Divine Gemstone) का दर्जा मिल गया।
इसके नीले रंग के भी कई किस्से हैं। प्राचीन फ़ारसी (Ancient Persians) लोगों का विश्वास था की धरती एकबोहुत ही बड़ा नीलम के गोले पर स्थापित है जिसकी परछाई से ही आसमान का रंग नीला है।
नीले रंग के पत्थरों में सबसे ख़ास और महंगा नीलम ही माना जाता है। ये Mohs स्केल (मोह के स्केल) पर ९ की संख्या पर उभरता है। इसका मतलब है की नीलम काफ़ी सख्त होता है और आम तौर पर ये रोज मर्रा के गहनों में पहना जा सकता है।
नीलम की पहचान इसके रंग, इसकी कठोरता संख्या, और इसके अन्दर पाई जाने वाली खूबियों से होती है।
नामवर नीलम
नीलम की इतिहास में एक अलग ही जगह है। कई हस्तियों ने, राजाओं ने, महाराजाओं ने अलग अलग समय पर नीलम को गौरव दिया है। मुघल काल का "पीकॉक थ्रोन" एक बोहुत ही उच्च आदर्श है नीलम के रंगों का। इस बहू मूल नमूने में नीलम के साथ साथ तुर्मालीन, फीरोज़ा, आईओलाईट, मीना के भी रंगों का मेल है पर सबसे प्रभावी नीलम का ही असर है।
मोर की गर्दन के पीलेपन से मेल करने वाले रंग का ये पत्थर सच्चाई, राजशुल्क, निष्ठां का प्रतीक है। मंगनी की अंगूठियों में भी नीलम सुंदर लगता है। राजकुमार चार्ल्स (Prince Charles) ने राजकुमारी दैआना (Princess Diana) को, राजकुमार ऐल्बर्ट (Prince Albert) ने महारानी विक्टोरिया (Queen Victoria) को और माइकेल विल्डिंग (Michael Wilding) ने ऐलिज़ाबेथ टेलर (Elizabeth Taylor) को नीलम से सजे गहने कई अवसरों पर भेंट किए हैं।
हॉलीवुड की जानी मानी हस्ती, मेरी पिक्फोर्ड (Mary Pickford) दो बोहुत ही खूबसूरत एवं महंगे नीलम की मालकिन रह चुकी हैं... १८२ (182 कैरेट) का "स्टार ऑफ़ बॉम्बे" और ५०० (500 कैरेट) से ऊपर "स्टार ऑफ़ इंडिया" दोनों ही नीलम जो भारत के अनमोल खजानों से उत्तपन्न हुए हैं।
अपने बॉलीवुड के शहनशाह, अमिताभ बच्चन भी नीलम को बोहुत पसंद करते हैं। आप उनके दोनों नीलम को देख सकतें हैं उनकी सिनेमा "कभी अलविदा न कहना" में और "कौन बनेगा करोढ़पति" में।
नीलम का प्रभाव
ये अनमोल रत्न शनी की दशा से मुक्ति पाने के लिए निर्धारित किया जाता है। कहते हैं की शनी का असर निष्प्रभाव करने के लिए नीलम को पीले सोने में स्थापित करके दाहिने हाथ की बीच की उंगली में पहनना चाहिए। दो कैरेट का नीलम आम तौर पर सिफारिश किया जाता है और जितना गहरा इसका नीलापन, उतना ही ज्यादा इसका प्रभाव।
मानने वालों का विशवाश है की नीलम हर किसी के लिए अनुकूल नही होता। परन्तु ये भी कहते हैं की हीरे मेंनीलम की शक्ती को निष्प्रभाव करने का यत्न होता है। इसी लिए, अगर आपको नीलम अति सुंदर लगता है, परआप इसे पहनने से घबराते हैं, तो तुल्य शक्ती और माप का हीरा साथ में पहन लें तो ये आपको परेशान नही करनाचाहिए।
नीलम के लक्षण
नीलम की खूबियों में से सबसे ज़रूरी है उसका रंग। रंग न पनीला होना चाहिए, न ज्यादा गहरा। स्याही के रंग केनीलम ऑस्ट्रेलिया से आते हैं और ये बोहुत उच्च नही माने जाते। अच्छी किस्म के नीलम का रंग गुंजायमान होनाचाहिए। पत्थर के अंतर्वेशन उसकी चमक के ऊपर भावी नही होने चाचिए।
नीलम अनेक आकर में मिलता है तो आप ध्यान दीजिये की इसे किस प्रकार के गहने में लगना है। यदि कान काआभूषण है, तो नीलम गहरे रंग का भी चलेगा परन्तु अगर उंगली पर सज्जित या गले पर सजने वाला है तो इसकारंग चमकदार होना चाहिए।
कहाँ से खरीदें
भारत में जयपुर में अक्सर आप नीलम का व्यापार पायेंगे। खरीदने के लिए अधिकतर जोहरी इसका पेशा करतेहैं। न्यू जर्सी में, आप ओक ट्री रोड के सभी नामी जोहरियों के पास नीलम के नमूने पा सकते हैं। अमेरिकन गुकानोंमें आप नीलम के बने गहने पा सकते हैं। यदि आपको नीलम खरीदने में सहायता की जारूरत है तो बेहिजक मुझेपत्र भेजिए surbhi.s.gupta@gmail.com पर।
नीलम की खोज
सबसे प्राचीन खदान श्री लंका या सिलोन (Ceylon) में स्थापित हैं। सीलोन सफायर आम बाज़ार में समृद्ध हैं परसबसे ज्यादा प्राप्य नीलम ऑस्ट्रेलिया की खनदान से आते हैं। ये आस्ट्रेलियन सफायर स्याही के रंग की तरहकरीब करीब काले होते हैं। इनकी कीमत भी काफ़ी कम होती है। इनके ऊपर कई आचरण किए जाते हैं जिससेइनका रंग निखर जाए। इनको अक्सर रंगा भी जाता है और गरम तापमान में झुलसाया जाया है।
सबसे खूबसूरत और कीमती नीलम भारत में कशमीर की वादियों से उत्पन्न होते हैं। वहाँ के नीलम का ख़ास नीलारंग एक मखमली तेज देता है जो केवल बोहुत ठंडे इलाके में, ओक्सिजेन्न की कमी में काफ़ी कसाव के नीचे बनसकता है। काशमीर की राजनेतिक अशांति और काश्मीर के कठोर वातावरण के कारण काशमीरी नीलम पानाबोहुत ही मुश्किल है। परन्तु इसी वजह से ये नीलम बोहुत ज्यादा तलाशा भी जाता है।
कोई प्रशन?
यदि नीलम को खरीदने, बेचने या संभालने से सम्बंधित आपके पास कोई विवाद या प्रशन है तो बेहिजक मुझे पत्रलिखिए, surbhi.s.gupta@gmail.com पर। आप मेरा कार्यक्रम रेडियो पर भी सुन सकते हैं हर हफ्ते 10 से12 बजे EST मंगलवार (Tuesday) को www.ebcmusic.com पर या 1170 am पर।
नीलम की इतिहास में एक अलग ही जगह है। कई हस्तियों ने, राजाओं ने, महाराजाओं ने अलग अलग समय पर नीलम को गौरव दिया है। मुघल काल का "पीकॉक थ्रोन" एक बोहुत ही उच्च आदर्श है नीलम के रंगों का। इस बहू मूल नमूने में नीलम के साथ साथ तुर्मालीन, फीरोज़ा, आईओलाईट, मीना के भी रंगों का मेल है पर सबसे प्रभावी नीलम का ही असर है।
मोर की गर्दन के पीलेपन से मेल करने वाले रंग का ये पत्थर सच्चाई, राजशुल्क, निष्ठां का प्रतीक है। मंगनी की अंगूठियों में भी नीलम सुंदर लगता है। राजकुमार चार्ल्स (Prince Charles) ने राजकुमारी दैआना (Princess Diana) को, राजकुमार ऐल्बर्ट (Prince Albert) ने महारानी विक्टोरिया (Queen Victoria) को और माइकेल विल्डिंग (Michael Wilding) ने ऐलिज़ाबेथ टेलर (Elizabeth Taylor) को नीलम से सजे गहने कई अवसरों पर भेंट किए हैं।
हॉलीवुड की जानी मानी हस्ती, मेरी पिक्फोर्ड (Mary Pickford) दो बोहुत ही खूबसूरत एवं महंगे नीलम की मालकिन रह चुकी हैं... १८२ (182 कैरेट) का "स्टार ऑफ़ बॉम्बे" और ५०० (500 कैरेट) से ऊपर "स्टार ऑफ़ इंडिया" दोनों ही नीलम जो भारत के अनमोल खजानों से उत्तपन्न हुए हैं।
अपने बॉलीवुड के शहनशाह, अमिताभ बच्चन भी नीलम को बोहुत पसंद करते हैं। आप उनके दोनों नीलम को देख सकतें हैं उनकी सिनेमा "कभी अलविदा न कहना" में और "कौन बनेगा करोढ़पति" में।
नीलम का प्रभाव
ये अनमोल रत्न शनी की दशा से मुक्ति पाने के लिए निर्धारित किया जाता है। कहते हैं की शनी का असर निष्प्रभाव करने के लिए नीलम को पीले सोने में स्थापित करके दाहिने हाथ की बीच की उंगली में पहनना चाहिए। दो कैरेट का नीलम आम तौर पर सिफारिश किया जाता है और जितना गहरा इसका नीलापन, उतना ही ज्यादा इसका प्रभाव।
मानने वालों का विशवाश है की नीलम हर किसी के लिए अनुकूल नही होता। परन्तु ये भी कहते हैं की हीरे मेंनीलम की शक्ती को निष्प्रभाव करने का यत्न होता है। इसी लिए, अगर आपको नीलम अति सुंदर लगता है, परआप इसे पहनने से घबराते हैं, तो तुल्य शक्ती और माप का हीरा साथ में पहन लें तो ये आपको परेशान नही करनाचाहिए।
नीलम के लक्षण
नीलम की खूबियों में से सबसे ज़रूरी है उसका रंग। रंग न पनीला होना चाहिए, न ज्यादा गहरा। स्याही के रंग केनीलम ऑस्ट्रेलिया से आते हैं और ये बोहुत उच्च नही माने जाते। अच्छी किस्म के नीलम का रंग गुंजायमान होनाचाहिए। पत्थर के अंतर्वेशन उसकी चमक के ऊपर भावी नही होने चाचिए।
नीलम अनेक आकर में मिलता है तो आप ध्यान दीजिये की इसे किस प्रकार के गहने में लगना है। यदि कान काआभूषण है, तो नीलम गहरे रंग का भी चलेगा परन्तु अगर उंगली पर सज्जित या गले पर सजने वाला है तो इसकारंग चमकदार होना चाहिए।
कहाँ से खरीदें
भारत में जयपुर में अक्सर आप नीलम का व्यापार पायेंगे। खरीदने के लिए अधिकतर जोहरी इसका पेशा करतेहैं। न्यू जर्सी में, आप ओक ट्री रोड के सभी नामी जोहरियों के पास नीलम के नमूने पा सकते हैं। अमेरिकन गुकानोंमें आप नीलम के बने गहने पा सकते हैं। यदि आपको नीलम खरीदने में सहायता की जारूरत है तो बेहिजक मुझेपत्र भेजिए surbhi.s.gupta@gmail.com पर।
नीलम की खोज
सबसे प्राचीन खदान श्री लंका या सिलोन (Ceylon) में स्थापित हैं। सीलोन सफायर आम बाज़ार में समृद्ध हैं परसबसे ज्यादा प्राप्य नीलम ऑस्ट्रेलिया की खनदान से आते हैं। ये आस्ट्रेलियन सफायर स्याही के रंग की तरहकरीब करीब काले होते हैं। इनकी कीमत भी काफ़ी कम होती है। इनके ऊपर कई आचरण किए जाते हैं जिससेइनका रंग निखर जाए। इनको अक्सर रंगा भी जाता है और गरम तापमान में झुलसाया जाया है।
सबसे खूबसूरत और कीमती नीलम भारत में कशमीर की वादियों से उत्पन्न होते हैं। वहाँ के नीलम का ख़ास नीलारंग एक मखमली तेज देता है जो केवल बोहुत ठंडे इलाके में, ओक्सिजेन्न की कमी में काफ़ी कसाव के नीचे बनसकता है। काशमीर की राजनेतिक अशांति और काश्मीर के कठोर वातावरण के कारण काशमीरी नीलम पानाबोहुत ही मुश्किल है। परन्तु इसी वजह से ये नीलम बोहुत ज्यादा तलाशा भी जाता है।
कोई प्रशन?
यदि नीलम को खरीदने, बेचने या संभालने से सम्बंधित आपके पास कोई विवाद या प्रशन है तो बेहिजक मुझे पत्रलिखिए, surbhi.s.gupta@gmail.com पर। आप मेरा कार्यक्रम रेडियो पर भी सुन सकते हैं हर हफ्ते 10 से12 बजे EST मंगलवार (Tuesday) को www.ebcmusic.com पर या 1170 am पर।
1 comment:
good article for people who want to buy neelam.
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